१. तरवर से इक तिरिया उतरी उसने बहुत रिझाया बाप का उससे नाम जो पूछा आधा नाम बताया आधा नाम पिता पर प्यारा बूझ पहेली मोरी अमीर ख़ुसरो यूँ कहेम अपना नाम नबोली उत्तर—निम्बोली २. फ़ारसी बोली आईना, तुर्की सोच न पाईना हिन्दी बोलते आरसी, आए मुँह देखे जो उसे बताए उत्तर—दर्पण ३. बीसों का सर काट लिया ना मारा ना ख़ून किया उत्तर—नाखून ४. एक गुनी ने ये गुन कीना, हरियल पिंजरे में दे दीना। देखो जादूगर का कमाल, डारे हरा निकाले लाल।। ...
केशर की, कलि की पिचकारीः पात-पात...
कहता हूँ¸ ओ मखमल–भोगियों। श्रवण...
रंज की जब गुफ्तगू होने लगी आप...
हमने खोला आलमारी को, बुला रहे हैं...
हमारे संचय में था दान, अतिथि थे...