तलत महमूद

तस्वीर तेरी दिल मेरा बहला न सकेगी

  तसवीर तेरी दिल मेरा बहला न सकेगी ये तेरी तरह मुझ से तो शर्मा न सकेगी। मैं बात करूँगा तो ये खामोश रहेगी सीने से लगा लूँगा तो ये कुछ न कहेगी आराम वो क्या देगी जो तड़पा न सकेगी। ये आँखें हैं ठहरी हुई चंचल वो निगाहें ये हाथ हैं सहमे हुए और मस्त वो बाहें पर्छाईं तो इंसान के काम आ न सकेगी। इन होंठों को फ़ैय्याज़ मैं कुछ दे न सकूँगा इस ज़ुल्फ़ को मैं हाथ में भी ले न सकूँगा उलझी हुई रातों को ये सुलझा न सकेगी।

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