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आरसी प्रसाद सिंह

आरसी प्रसाद सिंह

मैथिली और हिन्दी के महाकवि आरसी प्रसाद सिंह (१९ अगस्त १९११ - नवम्बर १९९६) का जन्म बिहार के समस्तीपुर जिले के एरौत गाँव में हुआ था। बिहार के चार नक्षत्रों में वियोगी के साथ प्रभात और दिनकर के साथ आरसी सदैव याद किये जायेंगे।

इस लेखक की रचनाएँ

निर्वचन

चेतना के हर शिखर पर हो रहा आरोह मेरा।  अब न झंझावात है वह अब न वह विद्रोह मेरा।  भूल जाने दो उन्हें,...

चाँद को देखो

चाँद को देखो चकोरी के नयन से माप चाहे जो धरा की हो गगन से।   मेघ के हर ताल पर   नव नृत्य करता   राग...

जीवन का झरना

यह जीवन क्या है? निर्झर है, मस्ती ही इसका पानी है। सुख-दुख के दोनों तीरों से चल रहा राह मनमानी है। ...

नए जीवन का गीत

मैंने एक किरण माँगी थी, तूने तो दिनमान दे दिया। चकाचौंध से भरी चमक का जादू तड़ित-समान दे दिया। मेरे...

राष्ट्रगीत

सारे जग को पथ दिखलाने- वाला जो ध्रुव तारा है। भारत-भू ने जन्म दिया है, यह सौभाग्य हमारा है।। धूप...

बादल आए झूम के

बादल आए झूम के। आसमान में घूम के। बिजली चमकी चम्म-चम। पानी बरसा झम्म-झम।। हवा चली है जोर से। नाचे...

जब पानी सर से बहता है

तब कौन मौन हो रहता है?  जब पानी सर से बहता है।    चुप रहना नहीं सुहाता है,  कुछ कहना ही पड़...

तुम्हारी प्रेम-वीणा का अछूता तार मैं भी हूँ

तुम्हारी प्रेम-वीणा का अछूता तार मैं भी हूँ मुझे क्यों भूलते वादक विकल झंकार मैं भी हूँ मुझे क्या...

चिड़ियाँ

पीपल की ऊँची डाली पर बैठी चिड़िया गाती है । तुम्हें ज्ञात अपनी बोली में क्या संदेश सुनाती है ? चिड़िया...

हमारा देश

हमारा देश भारत है नदी गोदावरी गंगा. लिखा भूगोल पर युग ने हमारा चित्र बहुरंगा.   हमारी देश की...

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केशर की, कलि की पिचकारी

केशर की, कलि की पिचकारीः पात-पात...

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हो कहाँ अग्निधर्मा नवीन ऋषियों

कहता हूँ¸ ओ मखमल–भोगियों। श्रवण...

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रंज की जब गुफ्तगू होने लगी

रंज की जब गुफ्तगू होने लगी आप...

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अब यह चिड़िया कहाँ रहेगी

हमने खोला आलमारी को, बुला रहे हैं...

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भारत महिमा

हमारे संचय में था दान, अतिथि थे...

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